मंगलवार, 4 जनवरी 2022

वैश्वीकरण, रोज़गार की भाषा और हिंदी

Globalization, Language of employment & Hindi

आज का समय वैश्वीकरण का समय है। आज संपूर्ण विश्व बड़े पैमाने पर एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं। ऐसा पहले नहीं देखा गया है। इस जुड़ाव में सबसे बड़ा योगदान सूचना तकनीक का है। सूचना तकनीक और उसके विभिन्न माध्यम आज पूरे विश्व को सुगम बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। इंटरनेट क्रांति इस दौर में बहुत बड़ी क्रांति के रूप में हमारे सामने है। इसने संपूर्ण जीवन को तथा उसके विभिन्न क्षेत्रों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। परिवार, समाज, अर्थव्यवस्था, राजनीति, संस्कृति और भाषा सभी पर इसका असर देखा जा सकता है।

अर्थव्यवस्था की जब हम बात करते हैं तो इसके अंतर्गत एक सबसे बड़ा प्रश्न रोज़गार का प्रश्न होता है। विभिन्न रोजगारों के लिए अलग-अलग तरह की तकनीक तथा कौशलों की आवश्यकता होती है। इन कौशलों में भाषा कौशल का भी महत्वपूर्ण स्थान है। रोज़गार के संदर्भ में जब हम भाषा की बात करते हैं तो अंग्रेजी की बहुलता को सहर्ष स्वीकार लेते हैं तथा हिंदी में रोज़गार के प्रश्न को लेकर कहीं न कहीं हम निराशा की स्थिति में होते हैं। 


सूचना क्रांति और वैश्वीकरण का आज का यह दौर हिंदी भाषा के विकास में भी योगदान दे रहा है। आवश्यकता है हमें उन क्षेत्रों को पहचानने की तथा योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की, जिससे हिंदी भाषा में रोज़गार के लिए नए अवसर उपलब्ध हों तथा अभी तक उपलब्ध अवसरों का लाभ व्यापक स्तर पर लिया जाए। यहां कुछ ऐसे क्षेत्रों को उद्धृत करना आवश्यक है जिसके लिए हिंदी भाषा ज्ञान व कौशल की आवश्यकता होती है:


कंटेंट लेखन - आज सूचना तकनीक के विकास के साथ कंटेंट लेखकों की मांग बहुत अधिक बढ़ रही है। दुनिया के तमाम बड़े व छोटे उद्यमी को कंटेंट की आवश्यकता होती है। उनके वेबसाइट के लिए कंटेंट लेखकों की आवश्यकता रहती है। इन कंटेंट लेखन में हिंदी भाषा कहीं भी पीछे नहीं है। हिंदी में कंटेंट लेखन की मांग निरंतर बढ़ रही है। आज हर बड़ी कंपनी हिंदी भाषा में भी अपना कंटेंट चाहती है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, अमेजॉन जैसी सभी बड़ी कंपनियों के वेबसाइट आज हिंदी में भी उपलब्ध है। कई मीडिया समूहों के वेबसाइट जो पहले केवल अंग्रेजी में हुआ करते थे, उनके हिंदी संस्करण आज उपलब्ध हैं।

यह सब इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि हिंदी जानने समझने वालों का एक बहुत बड़ा बाज़ार उपलब्ध है।


ब्लॉगिंग - आज का युग डिजिटल क्रांति का युग है। आज हर कंटेंट हम डिजिटल रूप में खोजना चाहते हैं और उसे मोबाइल या कंप्यूटर के स्क्रीन पर देखना और पढ़ना चाहते हैं। लोग अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए गूगल से सवाल पूछते हैं और गूगल तथा ऐसे तमाम सर्च इंजन चंद सेकेंड में उनकी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए उनकी खोज से संबंधित विभिन्न पृष्ठ और उसके लिंक सामने स्क्रीन पर प्रस्तुत कर देते हैं। स्क्रीन पर आए हुए विभिन्न पृष्ठ किसी न किसी ब्लॉग अथवा वेबसाइट के होते हैं। आज इंटरनेट पर किसी भी पृष्ठ की खोज करने के लिए हिंदी में टाइप किए गए की-वर्ड्स बहुत अधिक होते हैं। वहीं दूसरी तरफ हिंदी में उपलब्ध ब्लॉग्स और वेबसाइट या तो अधिक नहीं मिलते अथवा जो मिलते हैं बहुत स्तरीय नहीं होते हैं। अपुष्ट जानकारी तथा भाषागत अशुद्धता आप हिंदी ब्लॉग्स में जगह-जगह देख सकते हैं। आज आवश्यकता है हिंदी ब्लॉगिंग को समृद्ध करने की तथा गंभीरता पूर्वक योजनाबद्ध तरीके से हिंदी ब्लॉगिंग के क्षेत्र में ढेर सारा काम करने की।


विज्ञापन लेखन व निर्माण - आज के उपभोक्तावादी समय में जहां हर तरफ वस्तुओं के उत्पादन तथा क्रय-विक्रय पर जोर है, ऐसी स्थिति में वस्तुओं के विज्ञापन का महत्त्व सबसे अधिक है। हिंदी भाषा को जानने समझने वाले लोगों की अधिक जनसंख्या होने के कारण इन उत्पादों को हिंदी में अधिक ग्राहक दिखाई देते हैं। अतः सभी उत्पादों के विज्ञापन अधिक से अधिक हिंदी में बनाने पर जोर दिया जाता है। विज्ञापन लेखन से विज्ञापन निर्माण तक इस क्षेत्र में भी हिंदी भाषा में रोजगार के बहुत से अवसर उपलब्ध हों सकते हैं।


पत्रकारिता - पिछले कुछ सालों में पत्रकारिता जगत का विस्तार इतना तीव्र हुआ है कि आज प्रिंट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक सभी क्षेत्रों में विकास दिखाई देता है। अब तो बड़े मीडिया समूहों के साथ-साथ स्वतंत्र व समानांतर पत्रकारिता की शुरुआत हो चुकी है और बड़ी तादाद में हम इसे बढ़ता हुआ देख सकते हैं। भाषा के संबंध में ग्राहक की उपलब्धता का प्रश्न यहां भी स्पष्ट रूप में देखा जा सकता है। यही कारण है कि हिंदी में बहुत से समाचार पत्र तथा समाचार चैनल की शुरुआत हो रही है। इस क्षेत्र में भी हिंदी में रोजगार के बहुत से अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।


यूट्यूब क्रांति - आज के समय में यूट्यूब को एक क्रांति ही कहा जा सकता है। आज यूट्यूब पर उपलब्ध कंटेंट जिस बड़े पैमाने पर देखे जाते हैं, वह भी एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। ज़रूरत केवल इस बात की है कि इस कार्य को भी बहुत गंभीरता से लिया जाए तथा अच्छे व स्तरीय कंटेंट ग्राहकों को उपलब्ध कराए जाएं। 


पॉडकास्टिंग - पॉडकास्टिंग का प्रसारण व विस्तार इन दिनों बहुत तीव्र गति से हो रहा है। भारत में यह अपने आरंभिक रूप में दिखाई देता है, लेकिन समय के साथ इस क्षेत्र में भी बहुत अच्छे अवसर बनने की संभावना है। विभिन्न विषयों से संबंधित पॉडकास्टिंग आज के समय की मांग बनती जा रही है। अब तो लोग किताबों को भी पढ़ने से अधिक सुनना पसंद करते हैं। यही कारण है कि बोलती हुई किताबों का प्रचलन इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है। अमेजॉन का ऑडिबल और स्टोरीटेल इसके अच्छे उदाहरण हैं।


ई-कॉमर्स - ई-कॉमर्स आज के समय का यथार्थ है। आज जिस तीव्र गति से इसका विस्तार हो रहा है यह अपने आप में एक बड़ी संभावना लेकर हमारे सामने आता है। ई-कॉमर्स कंपनियां ग्राहक को उनकी ही भाषा में वस्तुओं के विवरण उपलब्ध कराती हैं। अत: इस क्षेत्र में भी हिंदी के महत्व को स्वीकार किया गया है तथा इसका व्यापक इस्तेमाल हो रहा है।


ग्राहक सेवा केंद्र - आज की व्यवस्था में ग्राहक सर्व प्रमुख होता है। अतः ग्राहक की सुविधा- असुविधा का ध्यान रखना सबसे प्रधान लक्ष्य है। आज हर उत्पाद बनाने वाली कंपनी के अपने ग्राहक सेवा केंद्र हैं अथवा किसी अन्य ग्राहक सेवा प्रदाता से उनकी सेवाएं ली जाती हैं। वैसे भी सेवा क्षेत्र का प्रसार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। आज बहुत से ग्राहक हिंदी भाषा में अपने सवाल पूछते हैं तथा उसका निदान हिंदी में ही चाहते हैं। इस उद्देश्य से हिंदी जानने समझने वाले ग्राहक सेवा प्रदाताओं की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है। 


इसके अतिरिक्त रोजगार के पारंपरिक क्षेत्र उपलब्ध हैं,  जिसमें विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य, अनुवाद कार्य, लेखन, संपादन, विभिन्न कार्यालयों में राजभाषा कर्मचारी व अधिकारी आदि तमाम ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें हिंदी की बहुत अच्छी जानकारी तथा पद के अनुसार अपेक्षित शैक्षिक उपाधियों व अनुभवों की आवश्यकता होती है।


निष्कर्षत: यह कहा जा सकता है कि रोजगार के संदर्भ में हिंदी भाषा आज के दौर में कहीं भी पीछे नहीं है। बहुत से नए-नए क्षेत्र खुल रहे हैं। ज़रूरत है उन विभिन्न संभावनाओं को खोजने की तथा उसके व्यापक प्रसार तथा गंभीरता पूर्वक कार्य करने की। पूंजीवादी वैश्वीकरण रोज़गार के क्षेत्र में हिंदी भाषा के लिए भी व्यापक संभावना लेकर आ रहा है।


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