गुरुवार, 24 सितंबर 2020

अप्रत्याशित विषयों पर लेखन

 


लेखन एक रचनात्मक कार्य है। जब हम किसी विषय पर लिखते हैं तो उसमें हमारी रचनात्मकता झलकती है। रचनात्मकता के बहुत से आयाम हैं तथा इसे प्रभावित व निर्धारित करने वाले बहुत से कारक होते हैं। हम चाहे जिस विधा में लेखन करें अथवा हम किसी भी विषय पर लेखन कार्य करें, यदि हममें रचनात्मकता है तभी हम बेहतर लेखन कर पाने में सक्षम होंगे। किसी अप्रत्याशित विषय पर लेखन कार्य करना तो और भी चुनौती भरा काम होता है।


आजकल परीक्षाओं में भी निबंध लेखन जैसे पारंपरिक प्रश्नों की जगह अप्रत्याशित विषयों पर लेखन का प्रचलन आरंभ हो गया है। कुछ समय पहले तक विद्यार्थी परीक्षाओं में किसी निर्धारित विषय पर निबंध लिख रहे होते थे तथा निबंध के संभावित विषय भी अनुमान कर लिया करते थे तथा इसी अनुमान आधारित विषयों पर निबंध लेखन की तैयारी करके परीक्षाओं में अपना प्रदर्शन किया करते थे।


अप्रत्याशित विषयों पर लेखन एक चुनौती भरा काम विद्यार्थियों के सामने रहता है। इसमें पूछे गए प्रश्नों अथवा विषयों का पूर्वानुमान लगाना भी लगभग मुश्किल होता है। अतः ऐसे प्रश्नों के उत्तर बेहतर ढंग से तभी लिखे जा सकते हैं जब आपमें रचनात्मक क्षमता का विकास हो तथा आप किसी भी विषय पर तत्काल विचार करके बेहतर लेखन कर सकने में सक्षम हों। 


अब हमारे सामने सवाल यह है कि रचनात्मक क्षमता का विकास कैसे किया जाए, जिससे ऐसे प्रश्नों के उत्तर बेहतर ढंग से लिखा जा सके।


रचनात्मक क्षमता विकसित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण साधन है- अधिक से अधिक पढ़ने की आदत का विकास करना। 


विभिन्न विषयों के बारे में अध्ययन आपकी विचार क्षमता को समृद्ध बनाता है। आप बहुत तरह से चीजों को देख पाते हैं, उसे अनुभव कर पाते हैं तथा उसके बारे में सोच पाते हैं। अध्ययन से आपका शब्द-भंडार भी बढ़ता है तथा आप अपनी अभिव्यक्ति क्षमता को विकसित करते चलते हैं।


आजकल परीक्षाओं में रटे-रटाए विषयों पर लिखने की मांग नहीं होती है। विद्यार्थियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह नए विषयों के बारे में सोचने में सक्षम हों, उनके अपने शब्द-भंडार हों, उनमें रचनात्मकता हो तथा वे अपनी बातों को अपने तरीके से व्यक्त कर सकने में समर्थ हों।


आज भाषा में सबसे ज़रूरी बात, जो एक विद्यार्थी से अपेक्षा की जाती है, वह है भाषा व विचारों की मौलिकता, रचनात्मकता तथा अभिव्यक्ति क्षमता।


अलग-अलग विषयों पर निरंतर अध्ययन के क्रम में दो बातों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए- विचार व भाषा।


विचारों की विविधता आपमें जितनी अधिक होगी, नए और भिन्न विषयों पर लेखन-कार्य आपके लिए उतना ही सुगम हो जाएगा।


भाषा सीखने के क्रम में अपना शब्द-भंडार अधिक से अधिक बढ़ाने का प्रयास कीजिए। शब्दों के यथोचित प्रयोग पर ध्यान देने से आपकी अभिव्यक्ति क्षमता का विकास होता है। लेखन करते समय आप विभिन्न संदर्भों में उचित शब्दों का प्रयोग कर पाने में सक्षम हो पाते हैं।


अधिक से अधिक व निरंतर अध्ययन करने, अपनी विचार क्षमता को विकसित करने तथा शब्द-भंडार को बढ़ाते हुए अपनी अभिव्यक्ति को विकसित करने के साथ-साथ लेखन कार्य का अभ्यास करना बहुत आवश्यक है।


आप अच्छा लेखन तभी कर सकते हैं जब लिखने का लगातार अभ्यास करें। केवल पढ़ने मात्र से आपकी लेखन क्षमता का विकास पूरी तरह से नहीं हो पाता है। 


कई बार विद्यार्थी विभिन्न विषयों को पढ़ने मात्र से यह सोच लेते हैं कि संबंधित विषय पर वह अच्छा लेखन भी कर सकते हैं। लेकिन साधारणतः ऐसा नहीं हो पाता है। जब लेखन-कार्य का सही समय आता है तो वे उलझ जाते हैं।


अतः आपको प्रतिदिन विभिन्न विषयों पर लिखने की आदत का विकास करना चाहिए। तभी आप किसी भी अप्रत्याशित विषय पर अच्छा लेखन-कार्य कर सकने में सक्षम हो सकेंगे।

अप्रत्याशित लेखन के अभ्यास के लिए यहां कुछ विषय सुझाए जा रहे हैं। ये विषय केवल उदाहरण के लिए हैं। आप इस तरह के तमाम अन्य विषय सोच सकते हैं तथा उस पर लेखन-कार्य का अभ्यास कर सकते हैं। 


अप्रत्याशित विषय- जैसा नाम से ही स्पष्ट है, इसके अंतर्गत विषय असीम हैं। इसमें विधागत सीमा भी नहीं रखी जाती है। कहानी, कविता, डायरी, पत्र, यात्रा, संस्मरण, जीवनी आदि किसी भी विधा में लेखन के लिए कोई भी विषय दिए जा सकते हैं।


महामारी और हम 

आधुनिक जीवन-शैली 

स्वास्थ्य से बड़ा कुछ भी नहीं है

ऑनलाइन शिक्षा

लॉकडाउन के मेरे अनुभव

कोरोना वैक्सीन का इंतजार

हमारे जीवन पर सूचना तकनीक का असर

हमारी आदतें

कोरोना काल के बाद की दुनिया

भीड़ भरी बस का अनुभव

जब मेरी ट्रेन छूट गई

मेरा वह जन्मदिन जो मुझे आज भी याद है

स्कूल में मेरा पहला दिन

मेरा प्रिय भोजन

उस दिन जब मैं बहुत उदास था

मेरी पहली रेल यात्रा

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता

मेरे सपनों का स्कूल

मेरे जीवन का लक्ष्य

किताबें जो मुझे बहुत प्रिय हैं

मेरी पसंदीदा कहानी 

सिनेमा देखने का मेरा पहला अनुभव

खाना पकाना भी एक कला है

मैं जब बीमार पड़ा

जब मुझे किसी ने डांटा

मैंने जब साइकिल चलाना सीखा

बाढ़ का मेरा अनुभव

उस दिन मूसलाधार बारिश हुई

इंद्रधनुष

गांव और शहर का जीवन

नदियों का महत्त्व


ऐसे तमाम विषय जो हमारे आपके आसपास बिखरे पड़े हैं, उन सभी पर लिखा जा सकता है। ये सभी विषय अप्रत्याशित विषय के रूप में दिए जा सकते हैं, जिस पर लिखने के लिए आपको कहा जा सकता है। अतः अधिक से अधिक विषयों पर सोचें, बारीकी से निरीक्षण करें, अभिव्यक्ति क्षमता का विकास करें, शब्द-भंडार बढ़ाएं तथा निरंतर लिखने का अभ्यास करते रहें।



रविवार, 13 सितंबर 2020

हिंदी गीत

 हिंदी दिवस (14 सितंबर) पर विशेष


गीत


भारत की पहचान है, हिंदी हमारी शान है।


राष्ट्र-चेतना सबमें भरती, 

एक सूत्र में सबको पिरोती

आलोकित हो रही दिशाएं

ऐसी जगमग इसकी ज्योति

संस्कृत की इस जाया पर, हम सबको अभिमान है।


भारत में कितनी भाषाएं 

ये हम सबकी हैं आशाएं

भाषा की समृद्ध यह थाती

और कहां जग में हम पाएं

देती शक्ति एकजुट होकर, हिंदी बनी बलवान है।


विश्व भाल पर जगमग करती

ऐसी है स्वर्णिम यह बिंदी 

मानवता का संदेश सुनाती

है जग को  यह अपनी हिंदी 

उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम, इसका ही गुणगान है।


  • -विनोद कुमार पाठक





शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

हिंदी (आधार) कक्षा-11 (अंक- विभाजन)

 हिंदी (आधार) 

विषय कोड - 302 

कक्षा - ग्यारहवीं

प्रश्न-पत्र में अंक विभाजन



खंड - क


1- अपठित गद्यांश से 10 प्रश्न       1 x 10

2- अपठित काव्यांश से 5 प्रश्न.      1 x 5


खंड - ख


(कार्यालय हिंदी और रचनात्मक लेखन)


3- दी गई स्थिति अथवा घटना के आधार पर रचनात्मक लेखन (विकल्प सहित)    5 अंक


4- औपचारिक / अनौपचारिक पत्र-लेखन।  5 अंक


5- व्यवहारिक लेखन :

       (प्रतिवेदन, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, कार्यसूची/कार्यवृत्त)

       दो लघु उत्तरीय प्रश्न     3 + 2 = 5 अंक


6- शब्दकोश से संबंधित पांच बहुविकल्पी प्रश्न।   1 x 5 = 5


7- जनसंचार माध्यम और पत्रकारिता के विविध आयाम 

       (अभिव्यक्ति और माध्यम पुस्तक के आधार पर)

       दो लघु उत्तरीय प्रश्न।   3 + 2 = 5


खंड - ग


पाठ्य-पुस्तक (आरोह, भाग- 1)


काव्य खंड


8- किसी एक काव्यांश पर अर्थग्रहण से संबंधित तीन प्रश्न (विकल्प सहित)   2 x 3 = 6 अंक


9- एक काव्यांश के सौंदर्य बोध पर दो प्रश्न (विकल्प सहित) 2 x 2 = 4 अंक


10- कविताओं की विषय वस्तु पर आधारित दो लघु उत्तरीय प्रश्न (विकल्प सहित). 3 + 2 = 5 अंक


गद्य खंड


11- गद्यांश पर आधारित अर्थ ग्रहण संबंधी तीन प्रश्न। 2 x 3 = 6 अंक


12- पाठों की विषय वस्तु पर आधारित चार में से तीन बोधात्मक प्रश्न। 3 x 3 = 9 अंक


वितान, भाग 1


13- पाठों की विषयवस्तु पर आधारित 4 लघु उत्तरीय प्रश्न:

      दो प्रश्न    3 x 2 = 6 अंक

      दो प्रश्न    2 x 2 = 4 अंक



      


आंतरिक मूल्यांकन

20 अंक


1- श्रवण (सुनना) कौशल की जांच -         5 अंक


2- वाचन (बोलना) कौशल की जांच -        5 अंक


3- परियोजना कार्य -                           10 अंक


क) विषय वस्तु              - 5 अंक

ख) भाषा एवं प्रस्तुति      - 3 अंक

ख) शोध एवं मौलिकता।  - 2 अंक



सत्र 2020-21 के लिए निम्नलिखित पाठ पाठ्यक्रम में शामिल नहीं है-







कक्षा- 12 के लिए यहां देखें-



हिंदी (आधार)/ कक्षा-12/ परीक्षा भार विभाजन

 

विषय कोड-302

कक्षा- 12वीं

परीक्षा भार विभाजन (सत्र 2020-21)



जैसाकि आप सब जानते हैं कि सत्र 2020-21 के लिए सीबीएसई ने प्रश्न-पत्र के प्रारूप में बदलाव किए हैं तथा परीक्षा भार विभाजन में भी परिवर्तन किए गए हैं।

आज हम यहां 12वीं कक्षा के हिंदी (आधार) पाठ्यक्रम में हुए बदलाव तथा परीक्षा भार विभाजन के संबंध में विस्तार से चर्चा करेंगे।

सत्र 2020-21 में भी लिखित परीक्षा का अंक भार 80 ही रहेगा लेकिन इन अंको का विभाजन प्रश्न-पत्र में इस बार कुछ अलग ढंग से होगा।

हिंदी (आधार) विषय के प्रश्न-पत्र के मुख्य दो भाग होंगे- 

१- खंड अ (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)        40 अंक

२- खंड ब (वर्णनात्मक प्रश्न)      40 अंक



खंड - अ

(वस्तुनिष्ठ प्रश्न)

अंक - 40


1- अपठित गद्यांश               1 अंक x 10 प्रश्न 


2- अपठित काव्यांश            1अंक x 5 प्रश्न


3- अभिव्यक्ति और माध्यमन  1 अंक x 5 प्रश्न


4- आरोह भाग - 2 गद्य        1 अंक x 5 प्रश्न


5- आरोह भाग - 2 काव्य      1 अंक x 5 प्रश्न


6- वितान भाग - 2              1 अंक x 10 प्रश्न



खंड - ब

(वर्णनात्मक प्रश्न) 

अंक - 40


1- नए अप्रत्याशित विषय पर 150 शब्दों में लेखन। 5 अंक

(तीन वैकल्पिक विषय में से किसी एक पर लिखना है)


2- औपचारिक पत्र-लेखन (विकल्प सहित)  5 अंक


3- कविता/ कहानी/ नाटक की रचना-प्रक्रिया से संबंधित प्रश्न

दो लघु उत्तरीय प्रश्न (3 x 1, 2 x 1) = 5 अंक


4- समाचार लेखन (उल्टा पिरामिड शैली/ फीचर लेखन/ आलेख लेखन)

दो लघु उत्तरीय प्रश्न (3 x 1, 2 x 1) = 5 अंक


5- आरोह काव्य खंड

क) तीन प्रश्नों में से दो के उत्तर (50-60 शब्दों में  3 x 2 = 6)

ख) तीन प्रश्नों में से दो के उत्तर (30-40 शब्दों में  2 x 2 = 4)


6- आरोह गद्य खंड

क) तीन प्रश्नों में से दो के उत्तर (50-60 शब्दों में 3 x 2 = 6)

ख) तीन प्रश्नों में से दो के उत्तर (30-40 शब्दों में 2 x 2 = 4)



आंतरिक मूल्यांकन

20 अंक


1- श्रवण (सुनना) कौशल की जांच -         5 अंक


2- वाचन (बोलना) कौशल की जांच -        5 अंक


3- परियोजना कार्य -                           10 अंक


क) विषय वस्तु              - 5 अंक

ख) भाषा एवं प्रस्तुति      - 3 अंक

ख) शोध एवं मौलिकता।  - 2 अंक


* निम्नलिखित पाठ सत्र 2020-21 के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिए गए हैं-



कक्षा ग्यारहवीं के लिए यहां देखें-

सोमवार, 7 सितंबर 2020

नमक का दारोगा (मुंशी प्रेमचंद) शब्द-परिचय

 


प्रश्नों के उत्तर लिखते समय विद्यार्थी प्राय: वर्तनी-दोष किया करते हैं और शब्दों के गलत रूप को लिखते हैं। इससे परीक्षा में भी उनका प्रदर्शन प्रभावित होता है और कम अंक भी प्राप्त होते हैं। यहां प्रत्येक पाठ से उन शब्दों की सूची दी जा रही है जिनका प्रयोग उत्तर लिखते समय अक्सर किया जाता है। इन शब्दों को बार-बार अभ्यास करने से वर्तनी-दोष से बचा जा सकता है तथा अशुद्धियों के बिना एक अच्छा एवं प्रभावी उत्तर लिखा जा सकता है।



विभाग

ईश्वर-प्रदत्त

वस्तु 

व्यवहार 

निषेध 

चोरी-छिपे 

व्यापार 

छल-प्रपंचों 

सूत्रपात

अधिकारियों

पटवारीगिरी

सर्वसम्मानित

ईसाई मत

प्राबल्य

सर्वोच्च पदों पर

नियुक्त

मुंशी वंशीधर

समाप्त 

आविष्कार 

महत्त्व 

अनुभवी 

पुरुष 

दुर्दशा 

लड़कियां 

घास-फूस 

मालूम 

मालिक 

नौकरी 

ओहदे

ध्यान 

निगाह 

रखनी चाहिए 

ढूंढना 

कुछ ऊपरी आय 

मासिक वेतन 

पूर्णमासी का चांद 

दिखाई देता है 

लुप्त हो जाता है 

प्यास 

मनुष्य 

वृद्धि 

आमदनी 

स्वयं 

विद्वान 

तुम्हें 

समझाऊं 

आवश्यकता 

उचित 

लेकिन 

कठिन 

जन्मभर 

कमाई 

उपदेश 

पिताजी 

आशीर्वाद 

आज्ञाकारी 

विस्तृत 

संसार में 

उनके लिए 

धैर्य 

मित्र 

बुद्धि 

पथ-प्रदर्शक 

आत्मावलंबन 

प्रतिष्ठित 

सुख-संवाद 

पड़ोसियों

सिपाही 

चौकीदार 

महीनों से 

उन्होंने 

कार्यकुशलता 

मोहित 

बहुत विश्वास 

प्रवाह 

गाड़ियों की कोलाहल 

सुनाई दिया 

अवश्य 

भ्रम को पुष्ट किया

डांटकर पूछा

थोड़ी देर

सन्नाटा

काना-फूसी

पंडित अलोपीदीन

ज़मींदार

शिकार

सदाव्रत

पूछते हैं

कोई उत्तर न मिला

गाड़ीवानों ने

लक्ष्मीजी

अखंड विश्वास

यथार्थ

न्याय और नीति

निश्चिंतता

सरकारी हुक्म

व्यर्थ का कष्ट

ईमानदारी

नई उमंग

हिरासत

अनुसार

स्वाभिमान

मालूम हुआ

धन ऐश्वर्य

बाबू साहब

सच्चे मार्ग

बुद्धिहीन

दृढ़ता

देव-दुर्लभ त्याग

झुंझलाया

आक्रमण 

बहुसंख्यक 

अलौकिक 

अविचलित 

निराश

गालियां 

अत्यंत 

दीनता से 

दया कीजिए

हथकड़ियां

मूर्छित

टीका टिप्पणी

चौकीदार 

गुलाम

गरदन झुकाए

प्रत्येक मनुष्य

सहानुभूति 

अतिरिक्त 

चुपचाप 

पक्षपात

दुस्साहस

भलेमानुष 

विचारहीनता

व्यंग्यबाणों की वर्षा

कटुवाक्य

झुक-झुककर

प्रज्वलित

मुकदमे

विचित्र अनुभव

उपाधियां

मूल्य चुकाना

अनिवार्य

कठिनता

वृद्धा माता

निस्संतान

वात्सल्यपूर्ण

धर्मपरायण मनुष्य 

खुशामद ना समझिए

क्षमा 

प्रार्थना

दृष्टि 

सिर-माथे 

स्वीकार 

योग्य 

हस्ताक्षर

कृतज्ञता 

अतिरिक्त प्रशंसा 

वार्षिक वेतन 

सामर्थ्य 

उच्च पद 

कीर्तिवान सज्जन

अनुभवी मनुष्य

कार्यकुशलता

लीजिए 

कीजिए 

दीजिए 

परंतु 

धर्मनिष्ठ

संकुचित 

प्रफुल्लित 

श्रद्धा की दृष्टि



2025 की बोर्ड परीक्षा के लिए योजना

 2025 में होने वाली कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए सुनियोजित योजना बनाकर तैयारी करें, आपको सफलता अवश्य मिलेगी। हिंदी में अधिकाधिक अंक प...