प्रश्नों के उत्तर लिखते समय विद्यार्थी प्राय: वर्तनी-दोष किया करते हैं और शब्दों के गलत रूप को लिखते हैं। इससे परीक्षा में भी उनका प्रदर्शन प्रभावित होता है और कम अंक भी प्राप्त होते हैं। यहां प्रत्येक पाठ से उन शब्दों की सूची दी जा रही है जिनका प्रयोग उत्तर लिखते समय अक्सर किया जाता है। इन शब्दों को बार-बार अभ्यास करने से वर्तनी-दोष से बचा जा सकता है तथा अशुद्धियों के बिना एक अच्छा एवं प्रभावी उत्तर लिखा जा सकता है।
विभाग
ईश्वर-प्रदत्त
वस्तु
व्यवहार
निषेध
चोरी-छिपे
व्यापार
छल-प्रपंचों
सूत्रपात
अधिकारियों
पटवारीगिरी
सर्वसम्मानित
ईसाई मत
प्राबल्य
सर्वोच्च पदों पर
नियुक्त
मुंशी वंशीधर
समाप्त
आविष्कार
महत्त्व
अनुभवी
पुरुष
दुर्दशा
लड़कियां
घास-फूस
मालूम
मालिक
नौकरी
ओहदे
ध्यान
निगाह
रखनी चाहिए
ढूंढना
कुछ ऊपरी आय
मासिक वेतन
पूर्णमासी का चांद
दिखाई देता है
लुप्त हो जाता है
प्यास
मनुष्य
वृद्धि
आमदनी
स्वयं
विद्वान
तुम्हें
समझाऊं
आवश्यकता
उचित
लेकिन
कठिन
जन्मभर
कमाई
उपदेश
पिताजी
आशीर्वाद
आज्ञाकारी
विस्तृत
संसार में
उनके लिए
धैर्य
मित्र
बुद्धि
पथ-प्रदर्शक
आत्मावलंबन
प्रतिष्ठित
सुख-संवाद
पड़ोसियों
सिपाही
चौकीदार
महीनों से
उन्होंने
कार्यकुशलता
मोहित
बहुत विश्वास
प्रवाह
गाड़ियों की कोलाहल
सुनाई दिया
अवश्य
भ्रम को पुष्ट किया
डांटकर पूछा
थोड़ी देर
सन्नाटा
काना-फूसी
पंडित अलोपीदीन
ज़मींदार
शिकार
सदाव्रत
पूछते हैं
कोई उत्तर न मिला
गाड़ीवानों ने
लक्ष्मीजी
अखंड विश्वास
यथार्थ
न्याय और नीति
निश्चिंतता
सरकारी हुक्म
व्यर्थ का कष्ट
ईमानदारी
नई उमंग
हिरासत
अनुसार
स्वाभिमान
मालूम हुआ
धन ऐश्वर्य
बाबू साहब
सच्चे मार्ग
बुद्धिहीन
दृढ़ता
देव-दुर्लभ त्याग
झुंझलाया
आक्रमण
बहुसंख्यक
अलौकिक
अविचलित
निराश
गालियां
अत्यंत
दीनता से
दया कीजिए
हथकड़ियां
मूर्छित
टीका टिप्पणी
चौकीदार
गुलाम
गरदन झुकाए
प्रत्येक मनुष्य
सहानुभूति
अतिरिक्त
चुपचाप
पक्षपात
दुस्साहस
भलेमानुष
विचारहीनता
व्यंग्यबाणों की वर्षा
कटुवाक्य
झुक-झुककर
प्रज्वलित
मुकदमे
विचित्र अनुभव
उपाधियां
मूल्य चुकाना
अनिवार्य
कठिनता
वृद्धा माता
निस्संतान
वात्सल्यपूर्ण
धर्मपरायण मनुष्य
खुशामद ना समझिए
क्षमा
प्रार्थना
दृष्टि
सिर-माथे
स्वीकार
योग्य
हस्ताक्षर
कृतज्ञता
अतिरिक्त प्रशंसा
वार्षिक वेतन
सामर्थ्य
उच्च पद
कीर्तिवान सज्जन
अनुभवी मनुष्य
कार्यकुशलता
लीजिए
कीजिए
दीजिए
परंतु
धर्मनिष्ठ
संकुचित
प्रफुल्लित
श्रद्धा की दृष्टि
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