प्रश्न: कवि ने कविता की तुलना 'चिड़िया की उड़ान' से क्यों की है और फिर इससे श्रेष्ठ क्यों बताया है?
उत्तर: कवि ने कविता की तुलना चिड़िया की उड़ान से इसलिए की है क्योंकि दोनों में कल्पना की ऊँची उड़ान होती है। परंतु, चिड़िया की उड़ान की एक सीमा होती है, वह एक निश्चित दूरी तक ही उड़ सकती है। इसके विपरीत, कविता की उड़ान असीमित होती है, उसकी कल्पना की कोई सीमा नहीं। वह भूत, भविष्य और वर्तमान के बंधनों से मुक्त होकर कहीं भी उड़ सकती है, इसलिए कविता चिड़िया से श्रेष्ठ है।
प्रश्न: 'कविता एक खिलना है फूलों के बहाने' इस पंक्ति का क्या आशय है?
उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि कविता का खिलना फूलों के खिलने जैसा है। जिस प्रकार फूल खिलकर अपनी सुंदरता और सुगंध बिखेरते हैं, उसी प्रकार कविता भी अपने भावों और विचारों से पाठक के मन को आनंदित करती है। फूलों की तरह कविता भी संवेदनशील और कोमल होती है।
प्रश्न: फूलों और कविता के खिलने में क्या अंतर है?
उत्तर: फूलों और कविता के खिलने में मुख्य अंतर यह है कि फूलों के खिलने की एक निश्चित अवधि होती है; वे खिलकर मुरझा जाते हैं। उनकी सुगंध और सुंदरता क्षणभंगुर होती है। इसके विपरीत, कविता का खिलना कालातीत होता है। कविता एक बार खिल जाने पर कभी मुरझाती नहीं, उसकी सुंदरता और प्रासंगिकता सदैव बनी रहती है, वह हर युग में नए अर्थ ग्रहण करती है।
प्रश्न: 'कविता एक खेल है बच्चों के बहाने' पंक्ति का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति का भावार्थ है कि कविता बच्चों के खेल की तरह निर्विकार और सहज होती है। जैसे बच्चे खेलते समय किसी सीमा या भेदभाव को नहीं मानते, उनके लिए घर-बाहर, अपना-पराया सब एक होता है, उसी प्रकार कविता भी शब्दों का एक खेल है। यह किसी सीमा में नहीं बँधती और किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करती, सभी पाठकों के लिए समान होती है।
प्रश्न: कविता की यात्रा 'अंदर-बाहर', 'यह घर-वह घर' एक करने की यात्रा कैसे है?
उत्तर: कविता की यात्रा 'अंदर-बाहर', 'यह घर-वह घर' एक करने की यात्रा इसलिए है क्योंकि कविता आंतरिक और बाहरी अनुभवों को जोड़ती है। वह विभिन्न स्थानों, कालों और विचारों को आपस में जोड़कर एक समग्रता प्रदान करती है। वह सीमाओं को तोड़कर सभी को एक मंच पर लाती है, जैसे बच्चे खेलते समय किसी घर को अपना या पराया नहीं मानते।
प्रश्न: कवि ने 'कविता' की शक्ति को किन रूपों में दर्शाया है?
उत्तर: कवि ने कविता की शक्ति को कई रूपों में दर्शाया है। यह कल्पना की असीमित उड़ान भर सकती है, फूलों की तरह खिलकर अनंत काल तक अपनी महक बिखेर सकती है और बच्चों के खेल की तरह सभी सीमाओं को तोड़कर सबको एक कर सकती है। कविता में शब्दों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अमर करने की शक्ति है।
प्रश्न: कविता किस प्रकार 'समय की सीमा' को तोड़ देती है?
उत्तर: कविता समय की सीमा को इसलिए तोड़ देती है क्योंकि उसका प्रभाव केवल वर्तमान तक सीमित नहीं होता। एक बार लिखी जाने के बाद वह भूतकाल से सीख लेती है और भविष्य के लिए प्रेरणा देती है। उसकी प्रासंगिकता किसी विशेष काल तक सीमित नहीं रहती, बल्कि वह हर युग में नए अर्थ ग्रहण करती हुई चिरस्थायी बनी रहती है।
प्रश्न: 'कविता के पंख लगा उड़ने के माने' पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर: 'कविता के पंख लगा उड़ने के माने' पंक्ति में रूपक अलंकार है। यहां कविता पर सीधे पंखों का आरोप किया गया है, जिसका अर्थ है कि कविता की कल्पना शक्ति असीमित है और वह किसी भी सीमा में नहीं बँधती। यह उसकी उड़ान की असीमता को दर्शाता है।
प्रश्न: कवि ने कविता को बच्चों के खेल के समान क्यों बताया है?
उत्तर: कवि ने कविता को बच्चों के खेल के समान इसलिए बताया है क्योंकि बच्चों के खेल की तरह कविता भी स्वच्छंद और मुक्त होती है। बच्चों के खेल में कोई बंदिश नहीं होती, वे किसी भी सीमा या भेदभाव से परे होकर खेलते हैं। इसी प्रकार, कविता भी शब्दों का ऐसा खेल है जो किसी नियम या सीमा में नहीं बँधता, वह निश्छल और आनंददायक होती है।
प्रश्न: कविता के बहाने कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?
उत्तर: 'कविता के बहाने' कवि यह संदेश देना चाहते हैं कि कविता का अस्तित्व अत्यंत व्यापक और शक्तिशाली है। यह किसी सीमा में बँधी हुई नहीं है। चाहे वह चिड़िया की उड़ान हो, फूलों का खिलना हो या बच्चों का खेल हो, कविता इन सबसे परे और अधिक शाश्वत है। कवि कविता की असीम शक्ति, रचनात्मकता और सामाजिक सामंजस्य स्थापित करने की क्षमता का महत्व बताते हैं।
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